Saturday, August 15, 2015

Ek aur barsaat!

लो फिर शुरु हुआ
दिल टूटने का सिलसिला
आसमाँ रोने लगा
शायद जलता हुआ जिगर
कुछ ठंडा हो ले
कुछ देर तेरी याद से 
फ़ारिक हो लें
कुछ लम्हे 
किसी और आवाज़ से
वाकिफ़ हो लें
फिर लौट के
तेरी परछाई का 
इंतज़ार करेंगे
भूलने की कोशिश में
तुझे याद करेंगे।

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