Saturday, May 16, 2015

Zindagi meri zidd hai!

ज़िंदगी मेरी  ज़िद्द है
तेरा हर लम्हा निभाना है
हर राग तेरा सुनना है
हर गीत गुनगुनाना है।

रात की खामोशियाँ 
दिन का हर इम्तहां
ढलते हुए  सूरजों की 
अनकही सी दास्तान
हर हवा का झोंका
हर आता जाता मौका 
तू रुके या चले
तेरे साथ चलते जाना है
ज़िंदगी मेरी  ज़िद्द है
तेरा हर लम्हा निभाना है.…

अश्क बनके मैं गिरुं
या फूल बनके मैं खिलूँ
रेत बनके मैं तपू
या सोंधी मिटटी सी महकूँ
देह पर हो जलन
या दिल में  हो कोई अगन
हर चोट तू जो दे तो दे
सब पर मरहम लगाना है
ज़िंदगी मेरी  ज़िद्द है
तेरा हर लम्हा निभाना है.… 

तेरी  नब्ज़ मुझसे है चली
 तेरी सांस मुझमें है थमी
तेरी हर अदा, मेरा  हर भरम
हठखेलियन, दीवानापन
तेरा टहलना, मेरा  मचलना
साथ गिरना और सम्भलना
हर कश्मकश से जूझना
 जीने का सिर्फ  बहाना है
ज़िंदगी मेरी  ज़िद्द है
तेरा हर लम्हा निभाना है
हर राग तेरा सुनना है
हर गीत गुनगुनाना है।   

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